Lyrics
(स्टैंजा 1)
न इस दर्द का कोई दवा है,
न इन ज़ख्मों का कोई इलाज़,
हर रोज़ तन्हाई से लड़ते हैं,
दिल में बसती है एक आवाज़।
(कोरस)
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
(स्टैंजा 2)
किस्मत की चालों में उलझे हैं,
हर राह में बिछी है उलझन,
चाहे कितना भी संभालें खुद को,
हर बार मिलता है बस ठोकर और दर्द।
(कोरस)
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
(स्टैंजा 3)
आशाओं के दीप बुझते जाते,
हर कदम पे मिलती है हार,
खुशियों का रंग भी फीका पड़ता,
ज़िंदगी बन गई एक सूनी रात।
(कोरस)
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
(स्टैंजा 4)
हर सास में बसी है एक हताशा,
हर पल में छिपा है दर्द,
न कोई साथी, न कोई अपना,
बस तनहाई का है ये मर्म।
(कोरस)
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
(स्टैंजा 5)
सपनों का महल अब बिखर चुका,
हर उम्मीद का दीया बुझ चुका,
बस अब ये आखरी सांसें हैं,
दिल का हर कोना अब टूट चुका।
(कोरस)
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
न इस दर्द का कोई दवा है,
न इन ज़ख्मों का कोई इलाज़
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
हर सास में बसी है एक हताशा,
हर पल में छिपा है दर्द,
न कोई साथी, न कोई अपना,
बस तनहाई का है ये मर्म।
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।
सपनों का महल अब बिखर चुका,
हर उम्मीद का दीया बुझ चुका,
बस अब ये आखरी सांसें हैं,
दिल का हर कोना अब टूट चुका।
अँधेरे में खोया हर सपना,
टूटे दिल का कोई सहारा नहीं,
आँखों में बस अश्कों का दरिया,
ज़िंदगी का कोई किनारा नहीं।