Lyrics
जय जय ज़्येष्ठा देवी, कश्मीर की माता पावन,
तेरी कृपा से सजे, जीवन के ये आंगन।
मई के इस पावन दिन पर, तेरा गुणगान करें,
प्रेम से भरे दिलों से, तेरा सम्मान करें।
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य सान्निध्य में, आत्मा हमारी बसे।
तेरी आँखों की कमल पंखुरी, शुद्ध और निर्मल,
जीवन के हर सफर में, हमें दे आश्रय अटल।
करुणा से भरा दिल तेरा, दुख हर लेता है,
तेरी दिव्य छाया में, सुख शांति मिलता है।
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य सान्निध्य में, आत्मा हमारी बसे।
इस पावन मई दिवस पर, हम सब मिलकर गाएं,
तेरे दिव्य आशीर्वाद से, जीवन पथ पर चल पाएं।
घाटियों और पहाड़ों में, तेरा प्रेम बहता रहे,
हर दिल में तेरी भक्ति का, दीप जलता रहे।
हे माता दिव्य, तेरे आशीर्वाद से,
सुरक्षित रख हमें, दे हमको आधार।
तेरा नाम जपे, हर सांस के साथ,
तेरे अनंत प्रेम में, जागे हमारी आत्मा
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य
जय जय ज़्येष्ठा देवी, कश्मीर की माता पावन,
तेरी कृपा से सजे, जीवन के ये आंगन।
मई के इस पावन दिन पर, तेरा गुणगान करें,
प्रेम से भरे दिलों से, तेरा सम्मान करें।
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य सान्निध्य में, आत्मा हमारी बसे।
तेरी आँखों की कमल पंखुरी, शुद्ध और निर्मल,
जीवन के हर सफर में, हमें दे आश्रय अटल।
करुणा से भरा दिल तेरा, दुख हर लेता है,
तेरी दिव्य छाया में, सुख शांति मिलता है।
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य सान्निध्य में, आत्मा हमारी बसे।
इस पावन मई दिवस पर, हम सब मिलकर गाएं,
तेरे दिव्य आशीर्वाद से, जीवन पथ पर चल पाएं।
घाटियों और पहाड़ों में, तेरा प्रेम बहता रहे,
हर दिल में तेरी भक्ति का, दीप जलता रहे।
हे माता दिव्य, तेरे आशीर्वाद से,
सुरक्षित रख हमें, दे हमको आधार।
तेरा नाम जपे, हर सांस के साथ,
तेरे अनंत प्रेम में, जागे हमारी आत्मा
ओ ज़्येष्ठा देवी, तेरी ज्योति में हम पाएं,
शांति और बुद्धि, जो हर मन को भाएं।
भक्ति के फूल चढ़ाएं, तेरे चरणों में सजे,
तेरे दिव्य