가사
[Instrumental intro]
[Verse 1]
अँधेरा फैलता है, हर कोने में छिपा हुआ,
रात की चादर में लिपटा, सब कुछ सोया हुआ.
चाँदनी भी सिमट जाती है, इस घने साए में,
तारों की रोशनी भी, बस थकी हुई प्यासी है.
[Instrumental solo]
[Verse 2]
काले बादल आसमान में, डर का आभास कराते,
रहस्यों से भरे रास्ते, अनजाने कदम बढ़ाते.
सन्नाटा चीखता है, अँधेरे की गहराई में,
हर परछाई में छुपी है, एक अनकही कहानी.
[Instrumental solo]
[Instrumental solo]
[Bridge]
आवाज़ें गूंजती हैं, खोई हुई दिशाओं से,
रात की गहराइयों में, भटकती परछाइयों से.
आसमान का काला परदा, सच्चाई को छुपाता है,
अँधेरा हर दिल में, अपनी छाप छोड़ जाता है.
[Instrumental solo]
[Verse 3]
अँधेरे में छुपे होते हैं, अनगिनत राज़ और दर्द,
हर दिल की गहराइयों में, छिपे होते हैं कई शब्द.
खामोशी की भाषा में, रातें अपने गीत गातीं,
आसमान के आँसू भी, इन कहानियों को सुनाते.
[Instrumental solo]
[Verse 4]
टूटे सपनों की धूल, अँधेरे में ही छुपी रहती,
आशाओं की मुरझाई कलियाँ, चुपचाप बैठी रहती.
रात का सन्नाटा, दिल को चीरता है हर रोज़,
अँधेरे की चुप्पी में, कोई सिसकियाँ भरता है.
[Instrumental solo]
[Bridge]
हर कोने में छुपा है, एक अँधेरा गहरा सा,
हर दिल की कहानी, इस रात के सहारे सा.
कभी साए डराते हैं, कभी सुकून दिलाते,
अँधेरा अपने आगोश में, हर दिल को समेटे.
[Instrumental solo]
[Verse 5]
रात के इस अँधियारे में, चल पड़ते हैं कुछ कदम,
सपनों की तलाश में, कहीं खो जाते हैं हम.
चाँदनी का भी चेहरा, धुंधला सा हो जाता है,
अँधेरे की इस दुनिया में, सब कुछ सो जाता है.
[Instrumental solo]
[Verse 6]
हर रात का अँधेरा, दिन की रोशनी से लड़ता,
हर दिल का अँधेरा, खुद से ही सिसकता.
रात के इस सफर में, खो जाते हैं कई अरमान,
अँधेरे के इस जंगल में, मिलते हैं सिर्फ तन्हा जान.
[Instrumental solo]
[Verse 7]
अँधेरा गहरा है, उसकी गहराई में समा जाओ,
इस काली रात में, अपनी दुनिया बसा लो.
हर डर को भूलकर, इस अँधेरे को गले लगाओ,
रात की इस चुप्पी में, अपना एक गीत गाओ.
[Instrumental solo]
[Verse 8]
आँखों के अँधेरे में, सपनों का बसेरा है,
हर दिल की गहराई में, एक दर्द का डेरा है.
रात की इस खामोशी में, दिल की धड़कन सुनो,
अँधेरे की इस दुनिया में, अपनी रोशनी चुनो.
[Instrumental solo]
[Verse 9]
काली रात में छुपी है, एक सुबह की आस,
हर अँधेरे के बाद आती है, एक नई शुरुआत.
रात की इस तन्हाई में, अपने सपनों को खोजो,
अँधेरे की इस गहराई में, अपनी मंजिल को पाओ.
[Instrumental solo]
[Verse 10]
अँधेरा कितना भी गहरा हो, उम्मीद की रोशनी है,
हर रात के बाद आती है, एक नई सुबह की किरण.
अँधेरे की इस दुनिया में, अपने कदम बढ़ाओ,
रात की इस चुप्पी में, अपनी आवाज़ बनाओ.
[Instrumental solo]
[Instrumental solo]
[Instrumental intro]
[Verse 1]
अँधेरा फैलता है, हर कोने में छिपा हुआ,
रात की चादर में लिपटा, सब कुछ सोया हुआ.
चाँदनी भी सिमट जाती है, इस घने साए में,
तारों की रोशनी भी, बस थकी हुई प्यासी है.
[Instrumental solo]
[Verse 2]
काले बादल आसमान में, डर का आभास कराते,
रहस्यों से भरे रास्ते, अनजाने कदम बढ़ाते.
सन्नाटा चीखता है, अँधेरे की गहराई में,
हर परछाई में छुपी है, एक अनकही कहानी.
[Instrumental solo]
[Instrumental solo]
[Bridge]
आवाज़ें गूंजती हैं, खोई हुई दिशाओं से,
रात की गहराइयों में, भटकती परछाइयों से.
आसमान का काला परदा, सच्चाई को छुपाता है,
अँधेरा हर दिल में, अपनी छाप छोड़ जाता है.
[Instrumental solo]