Lyrics
[Instrumental intro]
रात के साए में छुपे, ख़तरनाक इरादे हैं। धड़कनों की साज़िशें, रूहानी फ़रियादें हैं।
[Instrumental solo]
सन्नाटे की आवाज़ में, एक अनकही कहानी है। अंधेरों की सरगम में, ख़्वाबों की वीरानी है।
[Instrumental solo]
शहर की गलियों में गूंजती, पुरानी सदा रहस्यमयी। दरवाज़े की चिरचिराहट में, मौत की आहट ख़ामोशी।
[Instrumental solo]
खिड़कियों पे दस्तक देती, हवाओं की सरसराहट। जैसे कोई दास्तान छुपी, नफरत की ख़ामोश रात।
[Instrumental solo]
बुझते हुए चिराग़ों में, आतिशें दिल की बुझी। अंधेरों की बिसात पे, साजिशें ज़िंदगी की बिछी।
[Instrumental solo]
ज़िंदा लाशें भटकती हैं, आसपास इन अंधेरों में। कब्रों के दरम्यान, खौफ़ के बसेरे हैं।
वहशी हवाओं में गूंजती, चीखें डरावनी, दर्द की। रूहों की सरगोशियों में, बाँधी हुईं ज़ंजीरें कर्ब की।
[Instrumental solo]
पुरानी हवेली की दीवारों पे, खून के निशान क़िस्मत के। दरारों में छिपी कहानियाँ, मुहब्बत की मातम की।
[Instrumental solo]
सपनों की ताबीरें हैं, साज़िशों की तस्वीरें। आईनों में दिखतीं, ख़तरनाक तहरीरें।
[Instrumental solo]
रात के इस जादू में, चुपके से घुलती परछाइयाँ। रात्री का संगीत है, खौफ और रहस्य की दास्तानियाँ।
[Instrumental solo]
रूहें गाती हैं गीत, ख़ौफनाक मेलों में। जैसे कोई मंज़र हो, खून की झीलों में।
[Instrumental solo]
ख़तरनाक इरादों का, यह सरापा महल है। रात और अंधेरे का, यह कभी न ख़त्म होने वाला खेल है।
[Instrumental solo]
[Instrumental intro]
रात के साए में छुपे, ख़तरनाक इरादे हैं। धड़कनों की साज़िशें, रूहानी फ़रियादें हैं।
[Instrumental solo]
सन्नाटे की आवाज़ में, एक अनकही कहानी है। अंधेरों की सरगम में, ख़्वाबों की वीरानी है।
[Instrumental solo]
शहर की गलियों में गूंजती, पुरानी सदा रहस्यमयी। दरवाज़े की चिरचिराहट में, मौत की आहट ख़ामोशी।
[Instrumental solo]
खिड़कियों पे दस्तक देती, हवाओं की सरसराहट। जैसे कोई दास्तान छुपी, नफरत की ख़ामोश रात।
[Instrumental solo]
बुझते हुए चिराग़ों में, आतिशें दिल की बुझी। अंधेरों की बिसात पे, साजिशें ज़िंदगी की बिछी।
[Instrumental solo]
ज़िंदा लाशें भटकती हैं, आसपास इन अंधेरों में। कब्रों के दरम्यान, खौफ़ के बसेरे हैं।
वहशी हवाओं में गूंजती, चीखें डरावनी, दर्द की। रूहों की सरगोशियों में, बाँधी हुईं ज़ंजीरें कर्ब की।
[Instrumental solo]
पुरानी हवेली की दीवारों पे, खून के निशान क़िस्मत के। दरारों में छिपी कहानियाँ, मुहब्बत की मातम की।
[Instrumental solo]
सपनों की ताबीरें हैं, साज़िशों की तस्वीरें। आईनों में दिखतीं, ख़तरनाक तहरीरें।
[Instrumental solo]
रात के इस जादू में, चुपके से घुलती परछाइयाँ। रात्री का संगीत है, खौफ और रहस्य की दास्तानियाँ।
[Instrumental solo]
रूहें गाती हैं गीत, ख़ौफनाक मेलों में। जैसे कोई मंज़र हो, खून की झीलों में।
[Instrumental solo]
ख़तरनाक इरादों का, यह सरापा महल है। रात और अंधेरे का, यह कभी न ख़त्म होने वाला खेल है।
[Instrumental solo] [end]